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'हीट डोम' क्या है, जो अमेरिका में रिकॉर्ड तापमान पैदा करती है?

'हीट डोम' क्या है, जो अमेरिका में रिकॉर्ड तापमान पैदा करती है?  संयुक्त राज्य अमेरिका इस समय भीषण गर्मी की प्रकोप को झेल रहा है। वहां पर तापमान रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज किया जा रहा है। दक्षिणी कैलिफोर्निया के एक जिले स्प्रिंग्स में 51.1 डिग्री सेल्सियस का तापमान रिकॉर्ड किया गया। वहीं उत्तरी कैलिफोर्निया के शहर रेडिंग में भी 48.3 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया गया।  अब चिलचिलाती गर्मी और शुष्क परिस्थितियों का कारण हीट डोम को बताया जा रहा है। तो आज हम समझेंगे कि हीट डोम क्या होता है, जेट स्ट्रीम की इसमें क्या भूमिका होती है, और इसके उत्पन्न होने के मुख्य कारण क्या होते हैं। हीट डोम क्या होता है -  हीट डोम एक उच्च दबाव का क्षेत्र होता है। इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। जैसे आप किसी बर्तन में पानी को उबालते हैं और उसका ऊपर का सतह खुला हुआ है, तो पानी उबलता रहेगा और उसमें से गर्म भाप निकलती रहेगी। लेकिन अगर उसे किसी प्लेट से ढक दिया जाए, तो उसकी ऊष्मा बर्तन के अंदर ही रहेगी और पानी जल्दी उबलने लगेगा। इसी प्रकार, जब गर्म हवा किसी क्षेत्र के ऊपर रोक दी जाती है, तो वह ऊष्...

Kalasa Banduri Project - कलसा बंडूरी परियोजना विवाद

Kalasa Banduri Project  - कलसा बंडूरी परियोजना विवाद पृथ्वी के 3/4 भाग पर जल है, लेकिन उसमें से अधिकांश खारा जल है। अगर हम फ्रेश वाटर की बात करें तो केवल 2.5% पानी ही हमारे लिए उपलब्ध है जो कि फ्रेश वाटर है। इसका भी अधिकांश हिस्सा ग्लेशियर के रूप में, भूजल के रूप में या झीलों के रूप में है। फ्रेश वाटर का केवल 0.49% ही नदियों में पाया जाता है।  आज हम ऐसे ही एक विवाद की चर्चा करेंगे जो दशकों से चला आ रहा है और हाल ही में फिर से चर्चा में है। इस विवाद का नाम है कलसा बंडूरी परियोजना विवाद। सबसे पहले देखते हैं कि यह चर्चा में क्यों है, फिर जानेंगे कि यह परियोजना क्या है और किन-किन राज्यों के बीच में विवाद है।  कलसा बंडूरी परियोजना  का महत्व :  गोवा और कर्नाटक दोनों ही इस जल को अपने लिए महत्त्वपूर्ण मानते हैं। कर्नाटक कहता है कि महाद नदी का पानी मोड़ कर पेयजल संकट को हल किया जाए। गोवा का कहना है कि इससे पर्यावरणीय संकट उत्पन्न होंगे और जल की कमी हो सकती है।  महाद नदी का परिचय -  महाद नदी का उद्गम कर्नाटक के बेलगावी जिले से होता है और यह पश्चिम की ओर बहते हुए...

नाटो शिखर सम्मेलन वाशिंगटन : एक विस्तृत विश्लेषण

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नाटो शिखर सम्मेलन वाशिंगटन : एक विस्तृत विश्लेषण हाल ही में, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें 38 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में नाटो के सभी सहयोगियों के साथ-साथ यूक्रेन, जापान, न्यूजीलैंड और कोरिया गणराज्य जैसे साझेदार देशों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। आइए, इस ब्लॉग में नाटो के बारे में विस्तार से जानते हैं। नाटो का परिचय -   उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना अप्रैल 1949 में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और कई पश्चिमी यूरोपीय देशों द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य सोवियत संघ के खिलाफ सामूहिक सुरक्षा प्रदान करना था। वर्तमान में, नाटो के 32 सदस्य देश हैं, जिनमें बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके मूल सदस्य हैं। बाद में, ग्रीस, तुर्की, पश्चिम जर्मनी, स्पेन, चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, बुल्गारिया, एस्टोनिया, लाटविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, अल्बानिया, क्रोएशिया, उत्तर मेसेडोनिया, फिनलै...

Budget 2024 - मोदी सरकार के बजट 2024 में पीएम किसान सम्मान निधि की संभावित बढ़ोतरी: किसानों के लिए बड़ी सौगात?

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  Budget 2024 - मोदी सरकार के बजट 2024 में पीएम किसान सम्मान निधि की संभावित बढ़ोतरी: किसानों के लिए बड़ी सौगात? Budget 2024 - मोदी सरकार के बजट 2024 में पीएम किसान सम्मान निधि की संभावित बढ़ोतरी: किसानों के लिए बड़ी सौगात? मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के बाद सबकी नजरें इस साल के बजट पर हैं। किसानों के लिए बड़ी खबर यह है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) की रकम बढ़ाई जा सकती है। इस महत्वपूर्ण बजट में किसानों को विशेष सौगात देने के पीछे कई कारण हैं, जिन्हें हम इस ब्लॉग में विस्तार से जानेंगे। पीएम किसान सम्मान निधि क्या है ? : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 2018 में हुई थी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को हर साल ₹6000 देती है, जो तीन किश्तों में दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना और उनकी आय में वृद्धि करना है। pm किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है, जोकि तीन बर...