संदेश

रानी लक्ष्मी बाई के बाद पुत्र दामोदर राव का क्या हुआ ? झांसी की रानी के बेटे दामोदर राव के साथ अंग्रेज़ों ने क्या सुलूक किया?

चित्र
  रानी लक्ष्मी बाई के बाद पुत्र दामोदर राव का क्या हुआ ? झांसी की रानी के बेटे दामोदर राव के साथ अंग्रेज़ों ने क्या सुलूक किया? बुंदेले हर बोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी। सुभद्रा कुमारी चौहान की इन कालजयी पंक्तियों में हमने रानी लक्ष्मीबाई की वीरगाथा को सुना। अंग्रेजों ने कानून बनाया कि दत्तक पुत्र को राजा नहीं माना जाएगा, इसलिए रानी लक्ष्मीबाई ने उनसे युद्ध किया। भारत का बच्चा-बच्चा इस कहानी को जानता है, लेकिन उस बच्चे की कहानी शायद कम ही लोग जानते होंगे जिसके लिए यह सारी लड़ाई हुई थी। दामोदर राव, रानी लक्ष्मीबाई के इस इकलौते पुत्र का क्या हुआ, जानेंगे आज के ब्लॉग में। रानी लक्ष्मी बाई के बाद पुत्र दामोदर राव का क्या हुआ ? झांसी की रानी के बेटे दामोदर राव के साथ अंग्रेज़ों ने क्या सुलूक किया? झांसी की रानी के पुत्र  दामोदर राव की कहानी का प्रारंभ - यह कहानी शुरू होती है साल 1849 से। 15 नवंबर की तारीख थी, महाराष्ट्र के परोला में आनंद राव का जन्म हुआ। ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि बेटा राजा बनेगा। तीन साल बाद, झांसी के महाराज गंगाधर ...

Budget 2024 - बजट क्या है ? बजट क्यू पेश किया जाता है? बजट की महत्ता और उसका प्रभाव ।

चित्र
  Budget 2024 - बजट क्या है ? बजट क्यू पेश किया जाता है? बजट की महत्ता और उसका प्रभाव ।   Budget 2024 - बजट क्या है ? बजट क्यू पेश किया जाता है? बजट की महत्ता और उसका प्रभाव ।[/caption] बजट की बुनियादी समझ : क्यों जरूरी है बजट? हर साल 1 फरवरी को भारत सरकार का बजट पेश किया जाता है। यह बजट दस्तावेज सरकार की पूरे साल की आय-व्यय की योजना का ब्यौरा होता है। हालांकि, इस बार मोदी सरकार 3.0 के तहत पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा। इस लेख में हम बजट की आवश्यकता, उसके महत्व और उसके प्रभाव को विस्तार से समझाएंगे। बजट क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों है? सरकार के लिए बजट एक वार्षिक वित्तीय योजना है जिसमें सरकार की आय और खर्चों का विवरण होता है। इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार के पास आय और व्यय का संतुलन बना रहे। एक आम व्यक्ति की तरह सरकार भी अपनी आय और खर्चों का हिसाब-किताब रखती है। इस प्रक्रिया में सरकार को यह पता चलता है कि किस क्षेत्र में कितना निवेश करना है और किस प्रकार से जनता पर टैक्स का बोझ कम किया जा सकता है। बजट की तैयारी और प्रक्रिया -  बजट की तै...

पटना का पुराना नाम क्या है ? और कैसे पड़ा ? Aurangzeb ने Patna का नाम क्यों बदला, Patliputra की खोज में Tata का क्या रोल था?

पटना का पुराना नाम क्या है ? और कैसे पड़ा ? Aurangzeb ने Patna का नाम क्यों बदला, Patliputra की खोज में Tata का क्या रोल था?  आज हम बात करेंगे उस शहर की, जिसे जल दुर्ग कहा जाता था। यह शहर तीन नदियों के किनारे बसा था और पत्थरों की दीवार से घिरा हुआ था जिसमें 64 द्वार और 570 मीनारें थीं। यह शहर कभी दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था, जिसे जीतना असंभव माना जाता था। हम बात कर रहे हैं पाटलीपुत्र की। पाटलीपुत्र का इतिहास -  पाटलीपुत्र, जो वर्तमान में पटना के नाम से जाना जाता है, भारत के पूर्वी कोने में स्थित है। इस शहर की स्थापना ईसा पूर्व 600 साल पहले हुई थी, जब भारत में 16 महाजनपद हुआ करते थे। मगध महाजनपद की नींव हर्यंक वंश के राजा बिंबिसार ने रखी थी। उनके पुत्र, अजातशत्रु के समय में, मगध पहला साम्राज्य बना। अजातशत्रु ने ही पाटलीपुत्र की स्थापना की थी। पाटलीपुत्र की स्थापना -  अजातशत्रु ने वैशाली पर आक्रमण करने के लिए गंगा नदी के किनारे पाटलीपुत्र का बेस बनाया। यह गांव छावनी की शक्ल में बदल गया और मगध सेना ने यहां से वैशाली पर आक्रमण किया। अजातशत्रु के पुत्र ...

भारत में मुहर्रम का इतिहास : शिया मुस्लिम समुदाय की संघर्षपूर्ण यात्रा और धार्मिक स्वतंत्रता की कहानी।

भारत में मुहर्रम का इतिहास : शिया मुस्लिम समुदाय की संघर्षपूर्ण यात्रा और धार्मिक स्वतंत्रता की कहानी - 1602 का साल था। मुगल बादशाह अकबर के दरबार में एक व्यक्ति प्रवेश करता है, और दरबारियों के हंसते-मुस्कुराते चेहरे पर मातम छा जाता है। वजह था वह नीला रुमाल जो उस व्यक्ति के हाथ में बंधा था। मुगल दरबार में यह नियम था कि किसी अजीज की मौत की खबर बादशाह को सीधे नहीं दी जाती थी, नीला रुमाल सब बयान कर देता था। उस दिन खबर आई थी ग्वालियर से। अकबर के नवरत्नों में से एक अबुल फजल की हत्या कर दी गई थी, और इसमें सीधा हाथ था मुगल शहजादे सलीम या कहें जहांगीर का।  इस खबर से अकबर दुखी भी हुए और क्रोधित भी। हालांकि सबसे ज्यादा चिंता अकबर को दरबार में अबुल फजल के खास दोस्त काजी नसरुल्लाह सुस्तरी की थी। सलीम को अबुल फजल के साथ-साथ काजी से भी नफरत थी, इसलिए अकबर को डर था कि कहीं उनका भी वही हश्र न हो जाए। काजी नसरुल्लाह सुस्तरी, जो ईरान से हिंदुस्तान आए थे, अबुल फजल की मौत की खबर सुनते ही ईरान लौटने की तैयारी करने लगे। हालांकि, अकबर के मनाने पर वे रुकने को तैयार हुए, लेकिन अकबर की मौत के बाद जब जहांगीर ...

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023) भारत में 1 जुलाई 2024 से लागू एक नयी न्याय संहिता।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023) भारत में 1 जुलाई 2024 से लागू एक नयी न्याय संहिता।  हाल ही में, सरकार ने तीन नए कानून लागू किए हैं जिनका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश कालीन कानूनों को रिप्लेस करना है। इस वीडियो में, हम इन तीनों नए कानूनों का समग्र विश्लेषण करेंगे और जानेंगे कि ये किस तरह से हमारी न्याय प्रणाली को प्रभावित करेंगे।  भारतीय अपराधिक न्याय प्रणाली में कई  सालों बाद हमें बड़े बदलाव देखने को मिल  रहे हैं इसको लेकर के तीन नए कानून सरकार  ने लागू किए हैं जिनका प्राथमिक उद्देश्य  ब्रिटिश कालीन कानूनों को रिप्लेस करना है तो आज इस वीडियो में हम इन्हीं तीनों  कानूनों का समग्र विश्लेषण जानने की कोशिश   करेंगे कि ये जो नए तीन कानून सरकार की ओर  से पेश किए गए हैं इन कानूनों की वजह से  हमें क्या बड़े बदलाव देखने को मिल सकते है ।  1. खबर के महत्वपूर्ण बिंदु 2. तीनों नए कानूनों का परिचय     - भारतीय न्याय संहिता     - भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता     - भारतीय साक्ष्य अधिनियम 3. इन कानूनों की आलोचना और सं...

Kalki, Dr. Ambedkar और Shangri-La से Hirakund Dam का क्या रिलेशन है?

चित्र
  Kalki Dr. Ambedkar और Shangri-La से Hirakund Dam का क्या रिलेशन है?[/caption] Kalki, Dr. Ambedkar और Shangri-La से Hirakund Dam का क्या रिलेशन है? हीराकुड बांध ओडिशा की महानदी पर स्थित है और यह दुनिया के सबसे बड़े मिट्टी और पत्थर से बने बांधों में से एक है। इसका मुख्य डैम 4.8 किमी लंबा है और इसके दोनों सिरों पर बने तटबंधों को मिलाकर इसकी कुल लंबाई 25.8 किमी हो जाती है। बांध के ऊपर दो मीनारें हैं - गांधी मीनार और जवाहर मीनार, जो इसे एक विशेष पहचान देते हैं। इस बांध के चलते महानदी पर एक विशाल कृत्रिम झील भी बनी है, जो भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है। हीराकुड बांध बाढ़ को नियंत्रित करने के साथ-साथ बिजली उत्पादन का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इससे लगभग 10 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होती है और लगभग 350 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। हीराकुड बांध की निर्माण की कहानी - आजादी के बाद नेहरू सरकार का मुख्य ध्यान सिंचाई परियोजनाओं पर था ताकि देश जल्दी से आत्मनिर्भर बन सके। बड़े बांध जैसे भाखड़ा नांगल, नागार्जुन सागर, और हीराकुड इसी दृष्टि का परिणाम थे। हीराकुड बांध का निर्माण...

भारत में महिलाओं के लिए गर्भपात के अधिकार पर विचार-विमर्श: क्या अबॉर्शन महिला का अधिकार होना चाहिए?

भारत में महिलाओं के लिए गर्भपात के अधिकार पर विचार-विमर्श: क्या अबॉर्शन महिला का अधिकार होना चाहिए? महिला अपने जीवन में विभिन्न भूमिकाओं का निर्वाह करती है - मां, बेटी, बहन, और मित्र। लेकिन समाज में मातृत्व को महिलाओं की स्वतंत्रता से भी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी कारण, महिला अधिकार समूह और कानूनी अधिकार कार्यकर्ता लंबे समय से इस सवाल पर बहस कर रहे हैं कि मातृत्व एक विकल्प है या मजबूरी। यही सवाल गर्भपात (अबॉर्शन) को एक विवादास्पद विषय बना देता है। वैश्विक स्तर पर अबॉर्शन कानून : धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक कारकों के कारण दुनिया के विभिन्न देशों में अबॉर्शन कानूनों में बहुत विविधता है। 1973 में यूएसए के रो वर्सेस वेड केस में यह माना गया कि यूएसए का संविधान एक महिला के राइट टू हैव एन अबॉर्शन को प्रोटेक्ट करता है। यह पहला केस था जहां अबॉर्शन को एक महिला के फंडामेंटल राइट्स के साथ जोड़ा गया।  आज की स्थिति में दुनिया के 24 देशों में अबॉर्शन कंप्लीट प्रोहिबिटेड है। कई अन्य देशों में सिवियर रिस्ट्रिक्शंस हैं, जैसे ब्राजील और पोलैंड। वहीं फ्रांस में महिलाओं को अबॉर्शन क...